E-Commerce Kya Hai -Great Boom of the Online Shopping!

क्या आप जानते हैं कि E-Commerce Kya Hai? अगर नहीं तो क्या आपको वो दिन याद हैं, जब आपको नई शर्ट या जूतों के लिए कई घंटों बाजार घूमना पड़ता था? मगर अब तो जमाना बदल चुका है! आजकल, आप अपने कम्फर्ट ज़ोन में रहते हुए आराम से कुछ ही क्लिक में अपनी पसंद की चीज़ें खरीद सकते हैं। क्या आपको पता है कि ये सब ई-कॉमर्स (E-commerce) की वजह से ही संभव हो पाया है।

लेकिन ई-कॉमर्स असल में है क्या चीज़? और यह कैसे काम करता है? आज इसने कैसे हमारे खरीदारी करने के तरीके को बदल दिया है? आइए, इस रोमांचक दुनिया की सैर करते हैं और देखते हैं कि ई-कॉमर्स हमारे जीवन को कैसे आसान बना रहा है।

e-commerce kya hai

मॉडर्न ई-कॉमर्स की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी, जब इंटरनेट व्यापक रूप से इस्तेमाल होने लगा था। अगर हम देखें तो पहली ई-कॉमर्स वेबसाइटों में से एक अमेरिका की Amazon थी, जिसने 1995 में किताबें बेचना शुरू किया था। धीरे-धीरे, दूसरी कंपनियों ने भी ऑनलाइन स्टोर खोलने शुरू कर दिए और ई-कॉमर्स का दायरा लगातार बढ़ता गया।

आज ई-कॉमर्स एक अरबों डॉलर का उद्योग है। भारत में भी, ई-कॉमर्स काफी तेजी से बढ़ रहा है, खासतौर से स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच बढ़ने की वजह से अब आप कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना सामान, दवाइयां, और बहुत कुछ ऑनलाइन बड़े ही आराम से खरीद सकते हैं।

आसान शब्दों में कहा जाय तो ई-कॉमर्स इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

ऑनलाइन स्टोर: यह ऎसी वेबसाइटें या मोबाइल ऐप हैं जहां आप विभिन्न विक्रेताओं के उत्पाद देख और खरीद सकते हैं। मिसाल के तौर पर Flipkart, Amazon, Myntra, Snapdeal कुछ बहुत लोकप्रिय ई-कॉमर्स वेबसाइट हैं।

विक्रेता: ये कंपनियां या ऎसे व्यक्ति हैं जो अपने उत्पादों को ऑनलाइन स्टोर पर बेचते हैं। कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपनी खुद की इन्वेंट्री रखते हैं, जबकि दूसरे अन्य विक्रेताओं को भी अपने प्लेटफॉर्म पर बेचने की अनुमति देते हैं।

खरीदार: आपके जैसे ग्राहक जो ऑनलाइन स्टोर से उत्पाद खरीदते हैं।

ई-कॉमर्स एक सरल प्रक्रिया है जिसे कुछ आसान चरणों में समझाया जा सकता है:

खोज: जब आप किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाते हैं और अपनी पसंद का उत्पाद ढूंढ़ने लगते हैं। आप खोज बार का उपयोग कर सकते हैं, श्रेणियों को ब्राउज़ कर सकते हैं या ब्रांडों के अनुसार भी फ़िल्टर लगा सकते हैं।

उत्पाद चयन: एक बार जब आपको कोई पसंद आने वाला उत्पाद मिल जाता है तो आप उसके बारे में और अधिक जानकारी पढ़ते हैं जैसे कि उत्पाद का विवरण, उसकी विशेषताएं, समीक्षा और रेटिंग वग़ैरह।

कार्ट में जोड़ें: अगर आप उत्पाद खरीदना चाहते हैं तो आप उसे अपनी कार्ट में जोड़ सकते हैं। आप एक से ज़्यादा आइटम भी अपनी कार्ट में डाल सकते हैं।

चेकआउट: जब आप खरीदारी पूरी कर लेते हैं तो आप चेकआउट प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। इसमें शिपिंग पता, भुगतान विधि और डिलीवरी विकल्प चुनना शामिल होता है।

भुगतान: आप विभिन्न भुगतान विधियों का उपयोग करके अपना ऑर्डर का भुगतान कर सकते हैं, जैसे कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई (UPI), मोबाइल वॉलेट वग़ैरह। कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कैश ऑन डिलीवरी (COD) का विकल्प भी देते हैं।

ऑर्डर की पुष्टि: एक बार जब आपका भुगतान हो जाता है तो आपको ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से एक ऑर्डर पुष्टिकरण ईमेल या SMS प्राप्त होता है।

डिलीवरी: विक्रेता आपके द्वारा चुने गए शिपिंग विकल्प के हिसाब से ही आपके पते पर उत्पाद को डिलीवर करेगा। आप ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा का उपयोग करके अपने ऑर्डर की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

रिटर्न और एक्सचेंज: अगर आप प्राप्त किये गए प्रॉडक्ट से संतुष्ट नहीं हैं तो आप इसे वापस कर सकते हैं या एक्सचेंज कर सकते हैं। अधिकांश ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आसान रिटर्न और एक्सचेंज नीतियां प्रदान करते हैं।

अगर देखा जाये तो ई-कॉमर्स पारंपरिक खरीदारी की तुलना में कई फायदे प्रदान करता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

सुविधा: आप कभी भी और कहीं भी खरीदारी कर सकते हैं। आपको ट्रैफिक में फंसने या भीड़भाड़ वाली दुकानों पर जाने की शायद ज़रूरत भी नहीं है।

व्यापक चयन: आपको ऑनलाइन स्टोर पर उत्पादों की एक विशाल विविधता मिलती है जो शायद आपके स्थानीय स्टोर में उपलब्ध नहीं हो सकती है।

बेहतर कीमतें: आप कई साड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइटों की तुलना कर सकते हैं और सबसे अच्छी डील भी पा सकते हैं। कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म डिस्काउंट, कूपन और प्रचार भी प्रदान करते हैं।

समय की बचत: आपको उत्पादों को खोजने और खरीदने में लगने वाले समय की काफी बचत होती है।

उत्पाद समीक्षा और रेटिंग: आप अन्य ग्राहकों द्वारा लिखी गई समीक्षाओं और रेटिंग को पढ़कर उत्पादों के बारे में और अधिक जान सकते हैं।

आसान ट्रैकिंग: आप ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा का उपयोग करके अपने ऑर्डर की स्थिति को बड़ी आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।

हालांकि ई-कॉमर्स के कई फायदे हैं, फिर भी कुछ चुनौतियां हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है:

उत्पाद को देखने या छूने में असमर्थता: आप ऑनलाइन उत्पादों को हाथ में लेकर देख या छू नहीं सकते इसलिए आपको उत्पाद के विवरण और समीक्षाओं पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

डिलीवरी का समय: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरंह की शिपिंग का विकल्प चुनते हैं। नि:शुल्क शिपिंग में आमतौर पर ज़्यादा टाइम लगता है जबकि तेज़ शिपिंग के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।

रिटर्न और एक्सचेंज की परेशानी: अगर आपको उत्पाद वापस करना या एक्सचेंज करना है तो इसमें कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको उत्पाद को पैक करना होगा और उसे विक्रेता को वापस भेजना होगा।

ऑनलाइन धोखाधड़ी का जोखिम: ऑनलाइन खरीदारी करते समय धोखाधड़ी का जोखिम होता है। इसलिए, आपको एक विश्वसनीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदारी करनी चाहिए और सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करना चाहिए।

ई-कॉमर्स उद्योग लगातार विकसित हो रहा है और भविष्य में और भी अधिक रोमांचक बनने की उम्मीद है। आइए कुछ रुझानों पर नज़र डालते हैं जो आने वाले समय में ई-कॉमर्स को आकार देने वाले हैं:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) का बढ़ता उपयोग: AI और मशीन लर्निंग का उपयोग ग्राहकों को व्यक्तिगत खरीदारी का अनुभव प्रदान करने के लिए किया जाएगा। मिसाल के तौर पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आपकी खरीद का इतिहास और ब्राउज़िंग व्यवहार के आधार पर आपको उत्पादों की सिफारिशें दे सकते हैं।

वॉइस कॉमर्स (Voice Commerce) का उदय: जिस तरंह से आज-कल लोग काफी तेजी से वॉइस असिस्टेंट जैसे कि Google Assistant और Amazon Alexa का उपयोग करके खरीदारी कर रहे हैं। भविष्य में, वॉइस कॉमर्स ई-कॉमर्स का एक प्रमुख हिस्सा बनने की उम्मीद से नाकारा नहीं जा सकता है।

ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) का उपयोग: AR और VR तकनीक का उपयोग ग्राहकों को उत्पादों को आज़माने और देखने का एक अधिक यथार्थवादी अनुभव प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। मिसाल के तौर पर आप फर्नीचर खरीदने से पहले यह देख सकते हैं कि यह आपके घर में कैसा दिखेगा या कपड़े खरीदने से पहले यह देख सकते हैं कि यह आप पर कैसा जंचेंगा।

सोशल कॉमर्स (Social Commerce) का विकास: जैसा की हम देख रहे हैं कि आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कितनी तेजी से ई-कॉमर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। कई ब्रांड अब सीधे सोशल मीडिया पर उत्पाद बेच रहे हैं और प्रभावशाली मार्केटिंग का उपयोग करके ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं।

ड्रोन डिलीवरी: अब ड्रोन का उपयोग डिलीवरी को तेज और अधिक कुशल बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, ड्रोन डिलीवरी को व्यापक रूप से अपनाने से पहले अभी भी कुछ कानूनी और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का समाधान करना बाकि है।

अब जबकि आप ई-कॉमर्स की मूल बातें समझ ही गए हैं तो आप ऑनलाइन खरीदारी शुरू करने के लिए तैयार हैं! नीचे कुछ टिप्स दी गई हैं:

विश्वसनीय विक्रेताओं से ही खरीदारी करें: केवल उन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदारी करें जिनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और जो सुरक्षित भुगतान गेटवे आपको प्रदान करते हैं।

उत्पाद विवरण और समीक्षाओं को ध्यान से पढ़ें: यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही उत्पाद खरीद रहे हैं उत्पाद विवरण और समीक्षाओं को ध्यान से पढ़ना ज़रूरी होगा।

विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइटों की तुलना करें: सबसे अच्छी डील हासिल करने के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइटों की तुलना करें। अधिकांश ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म डिस्काउंट, कूपन और प्रचार भी प्रदान करते हैं।

सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करें: क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें या सुरक्षित भुगतान गेटवे चुनें जो आपके वित्तीय विवरणों की सुरक्षा करता है।

रिटर्न और एक्सचेंज नीतियों को समझें: किसी भी प्रॉडक्ट को खरीदने से पहले रिटर्न और एक्सचेंज नीतियों को पढ़कर समझ लें।

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आज इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि ई-कॉमर्स ने निश्चित रूप से खरीदारी करने के तरीके में क्रांति लाकर रख दी है। क्या यह सुविधाजनक, किफायती और समय की बचत करने वाला नहीं है? तो, अगली बार जब आपको किसी चीज़ की ज़रूरत पड़े, तो ऑनलाइन स्टोर ब्राउज़ करें! आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि आपको क्या-क्या मिलता है।